Isaiah 66:1

न्याय और आशा

1याहवेह यों कहते हैं:

“स्वर्ग मेरा सिंहासन है,
तथा पृथ्वी मेरे चरणों की चौकी है.
तुम मेरे लिये कैसा भवन बनाओगे?
कहां है वह जगह जहां मैं आराम कर सकूंगा?
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